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माँ गौरी चालीसा


                                            
https://meezonsanatan.blogspot.com/2022/09/GAURICHALISA.html
माता गौरी देवी
                माँ गौरी चालीसा का पाठ करने से सुख - सौभाग्य में वृद्धि होती है। माता गौरीजी की कृपा से सिद्धि - बुद्धि और ज्ञान विवेक की प्राप्ति होती है। माँ गौरी चालीसा के प्रभाव से इंसान धनवान बनता है। उसे हर तरह के सुख प्राप्त होते है। माता गौरी के मोहक और सुन्दर स्वरुप की आस्था से पूजा करनेवाले को कभी कष्ट नहीं होते।
 माँ गौरी चालीसा : - 
    

                                 ।। चौपाई ।। 

      मन मंदिर मेरे आन बसो,आरम्भ करुं गुणगान,

     गौरी माँ मातेश्वरी,दो चरणों का ध्यान

     पूजन विधि न जानती,पर श्रद्धा है आपार,

     प्रणाम मेरा स्वीकारिये,हे माँ प्राण आधार

     नमो नमो हे गौरी माता,आप हो मेरी भाग्य विधाता,

     शरनागत न कभी घबराता,गौरी उमा शंकरी माता। 

    आपका प्रिय है आदर पाता,जय हो कार्तिकेय गणेश की माता,

    महादेव गणपति संग आओ,मेरे सकल कलेश मिटाओ

    सार्थक हो जाय जग में जीना,सत्कर्मों से कभी हटु ना,

    सकल मनोरथ पूर्ण कीजो,सुख सुविधा वरदान में दीज्यो। 

    हे माँ भाग्य रेखा जगा दो,मन भावन सुयोग मिला दो,

    मन को भाय वो वर चाहु,ससुराल पक्ष का स्नेहा मै पायु। 

    परम आराध्या आप हो मेरी,फिर क्यूं वर में इतनी देरी,

    हमरे काज सम्पूर्ण कीजियो,थोडे में बरकत भर दीजियो

    अपनी दया बनाए रखना,भक्ति भाव जगाये रखना,

    गौरी माता अनसन रहना,कभी न खोयूं मन का चैना 

    देव मुनि सब शीश नवाते,सुख सुविधा को वर मै पाते,

    श्रद्धा भाव जो ले कर आया,बिन मांगे भी सब कुछ पाया 

    हर संकट से उसे उबारा,आगे बढ़ के दिया सहारा,

    जब भी माँ आप स्नेह दिखलावे,निराश मन में आस जगावे।            

    शिव भी आपका काहा ना टाले,दया द्रष्टि हम पे डाले,

    जो जन करता आपका ध्यान,जग में पाए मान सम्मान। 

    सच्चे मन जो सुमिरन करती,उसके सुहाग की रक्षा करती,

    दया द्रष्टि जब माँ डाले,भव सागर से पार उतारे

    जपे जो ओम नमः शिवाय,शिव परिवार का स्नेहा वो पाए,

    जिसपे आप दया दिखावे,दुष्ट आत्मा नहीं सतावे। 

    सात गुण की हो दाता आप,हर इक मन की ज्ञाता आप,

     काटो हमरे सकल कलेश,निरोग रहे परिवार हमेश। 

     दुःख संताप मिटा देना माँ,मेघ दया के बरसा देना माँ,

     जबही आप मौज में आय,हठ जय माँ सब विपदाएँ। 

    जीसपे दयाल हो माता आप,उसका बढ़ता पुण्य प्रताप,

     फल - फूल मैं दुग्ध चढ़ाऊँ,श्रद्धा भाव से आपको ध्यायु। 

     अवगुन मेरे ढक देना माँ,ममता आंचल कर देना माँ,

     कठिन नहीं कुछ आपको माता,जग ठुकराया दया को पाता। 

     बिन पाऊ न गुन माँ तेरे,नाम धाम स्वरुप बहु तेरे,

     जितने आपके पावन धाम,सब धामों को माँ प्रणाम। 

    आपकी दया का है ना पार,तभी को पूजे कुल संसार,

     निर्मल मन जो शरण में आता,मुक्ति की वो युक्ति पाता। 

     संतोष धन्न से दामन भर दो,असम्भव को माँ संभव कर दो,

     आपकी दया के भारे,सुखी बसे मेरा परिवार। 

     आपकी महिमा अति निराली,भक्तों के दुःख हरनेवाली,

      मनोकामना पूरन करती,मन की दुविधा पल में हरती

      चालीसा जो भी पढ़े सुनाया,सुयोग वर वरदान में पाए,

     आशा पूर्ण कर देना माँ,सुमंगल साखी वर देना माँ।                        

          गौरी माँ विनती करूँ,आना आपके द्वार,

          ऐसी माँ कृपा कीजिये,हो जाए उद्धार। 

          हिमं हिमं हिमं शरण में, दो चरणों का ध्यान,

          ऐसी माँ कृपा कीजिये,पाऊँ मान सम्मान।   

https://meezonsanatan.blogspot.com/2022/09/GAURICHALISA.html
                                       ।। जय गौरी माता ।।           

    

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